नई दिल्ली , भारतीय जनता पार्टी सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि ऐसे नतीजे के बाद आने वाले समय में पार्टी के भीतर भी मंथन तेज हो सकता है और शीर्ष नेतृत्व की कार्यशैली में बदलाव के लिए आवाज उठ सकती है। सूत्रों ने कहा कि अब भाजपा को जिस तरह एनडीए के अपने सहयोगियों की बातें सुननी और उसे साथ लेकर चलने की मजबूरी के साथ चलना होगा, उसी तरह पार्टी के भीतर भी अधिक सहमतिपूर्ण दृष्टिकोण अपनाना होगा।
भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए ने 293 सीटों पर जीत दर्ज करते हुए बहुमत हासिल किया है और इंडिया गठबंधन के खाते में 233 सीटें गयी हैं। वहीं, अगर बीजेपी की बात की जाये तो उसके हिस्से में 240 सीटें आई हैं।
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एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “यह लोकसभा चुनाव भाजपा में एक नया अध्याय बनाएगा। नेतृत्व अब सवाल या आलोचना से परे नहीं है।”
पार्टी नेताओं के अनुसार, भाजपा अपने सहयोगियों को वैसे ही मैनेज करना चाहती है जैसे अटल बिहारी वाजपेयी के समय में एनडीए सरकार ने किया था। यानि, प्रभावी गठबंधन संयोजन के साथ हर बड़े फैसले के लिए गठबंधन सहयोगियों के साथ लगातार बैठकें और परामर्श किया जाएगा।
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द इंडियन एक्सप्रेस से बात करने वाले कई भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने जोर देकर कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजों से पार्टी में तुरंत कोई बदलाव नहीं आएगा क्योंकि एनडीए ने मोदी के नेतृत्व में लड़ाई लड़ी। लेकिन, उन्होंने स्वीकार किया कि नेतृत्व को अपनी कार्यशैली की समीक्षा करनी होगी और अपने लिए गए फैसलों और नियुक्तियों पर व्यापक रूप से चर्चा करनी होगी।
लोकतंत्र की जीत, भाजपा को सबक
चुनाव के नतीजों के बाद पहला कदम उठाते हुए पार्टी को जल्द ही एक राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करना होगा क्योंकि जेपी नड्डा का विस्तारित कार्यकाल इस महीने समाप्त हो रहा है। इसके बाद, राज्य इकाइयों को भी नए पदाधिकारी मिलने के साथ ही संगठन में आमूलचूल बदलाव की उम्मीद है।