लोकतंत्र ने इस लोकसभा चुनाव में मजबूत विपक्ष को चुना है लोकतंत्र ने साबित कर दिया कि सरकार मजबूत के साथ-साथ मजबूत लोकतंत्र भी बहुत ही आवश्यक है, सरकार के साथ-साथ विपक्ष की मजबूती भी बहुत आवश्यक है विपक्ष अगर मजबूत रहेगा तभी सरकार की नीतियों, विचारों का अध्यन करके सुधार या विस्तार की बात करेगा बिना विपक्ष के सरकार नही चल पाती है।
इस लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को जनादेश में तगड़ा झटका दिया यहां तक की मोदी की गारंटी का भी कोई असर नही रहा लोकतंत्र ने ये साबित किया कि मजबूत विपक्ष होना बहुत ही जरूरी है उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को 37 सीटें प्राप्त हुई समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस लोकसभा चुनाव में टिकट का बंटवारा बहुत ही सोच-समझ कर किया था तथा परिवार के सदस्य भी इस चुनाव को गम्भीरता से लेकर जी-जान लगा दिये। भारतीय जनता पार्टी को भगवान श्रीराम लला का भी आशीर्वाद नही मिला अयोध्या मण्डल में भाजपा के एक भी प्रत्याशी चुनाव नही जीते। इस चुनाव मेेेेें मोदी मैजिक फीका रहा। जो राम को लाये है हम उनको लायेंगे इसका असर पूरे प्रदेश में कही देखने को नही मिला, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रत्याशियों को जीताने के लिए लगातार प्रचार मैदान मेेेेेेेें जुटे रहे जितनी मेहनत उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया है उसका परिणाम ये है कि भारतीय जनता पार्टी को प्रदेश में 33 सीटें प्राप्त हुई। भले ही भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप मेेें उभरी है देखा जाय तो जनादेश उसके खिलाफ कहा जा सकता है क्योंकि अपने बलबूते पूर्ण बहुमत की संख्या नही जुटा सकी।
इस आम चुनाव के दौरान पक्ष और विपक्ष के गठबन्धनों में जैसी गलतफमी देखी गयी जिस तरीके आरोप-प्रत्यारोप लगाये गये ईवीएम को लेकर जो अफवाहें उड़ाये जा रहे थे सबकी नींद जनादेश ने खोल दिया। भाजपा से कही न कही टिकट बंटवारे को लेकर भारी चूक हुई है क्योंकि कुछ जगहों पर एक ही प्रत्याशी को जनता लगातार सांसद के रूप में नही देखना चाह रही थी जिसको लेकर भाजपा के लोग ही अंदर से नाराज थे ये कहने में कोई हिचकिचाहट नही है कि नाराज भाजपा के नेता, कार्यकर्ता अंदर से प्रत्याशी की मदद नही किये इसीलिए भाजपा प्रत्याशी हार का सामना करना पड़ा क्योंकि जनता हमेशा कुछ न कुछ नया चाहती है और जब उसके अनुसार काम नही होता है तो ऐसे ही परिवर्तन कर देती है। यह भी कहने में कोई परहेज नही है कि भाजपा ने जितने बाहरी लोगों को शामिल कराया उससे अच्छा अपने लोगों को अगर शामिल कराये होते तो नतीजे कुछ दूसरे होते। उत्तर प्रदेश में भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या को लेकर जो बयान बड़े नेताओं के आ रहे थे उनका एक प्रतिशत लाभ पार्टी को नही मिला।
भाजपा के लोग नारा लगा रहे थे कांग्रेस मुक्त भारत लेकिन जनादेश ने ये साबित किया कि विपक्ष मजबूत भारत रहेगा तभी देश का भला होगा। भाजपा को लाभार्थियों ने भी नकार दिया अगर लाभार्थी भाजपा प्रत्याशी को वोट दिये होते तो सीटें बढ़ जाती। एक समय था कि बहुजन समाजपार्टी का अच्छा प्रदर्शन रहता था लेकिन इस लोकसभा चुनाव में बसपा को एक भी सीट न मिलकर साबित हो गया है कि जो सामाज में सक्रिय रहेगा और समाज के लिए कार्य करेगा उसी को पूछा जायेगा। चुनाव के समय ही अपनी सक्रिय भागीदारी करने वालों को जनता के बीच में कोई जगह नही है लोकतंत्र से मजबूत कोई नही है लोकतंत्र ने सरकार के साथ-साथ एक मजबूत विपक्ष दे दिया है।