जीवाश्म ईंधन का आयात घटाए बिना प्रदूषण की समस्या को हल नहीं किया जा सकता-नितिन गडकरी

(विचारपरक प्रतिनिधि द्वारा)
नयी दिल्ली 28 नवम्बर, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि जीवाश्म ईंधन के आयात में कटौती किए बिना भारत प्रदूषण की समस्या का समाधान नहीं कर सकता। टाइम्स ड्राइव ग्रीन कॉन्क्लेव एंड अवार्ड्स 2024 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि आज जैव ईंधन अर्थव्यवस्था बहुत महत्वपूर्ण है और भारत में यह अच्छी स्थिति में है। उन्होंने कहा कि देश में 40 प्रतिशत वायु प्रदूषण परिवहन क्षेत्र के कारण होता है।गडकरी ने कहा, ‘‘भारत में प्रदूषण एक बड़ी चिंता का विषय है.. जीवाश्म ईंधन के आयात में कमी किए बिना हम देश में प्रदूषण को कम नहीं कर सकते। परिवहन क्षेत्र में हमें जीवाश्म ईंधन का विकल्प तलाशने की जरूरत है हमें सतत विकास मॉडल विकसित करने की जरूरत है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने यह भी कहा कि भारत गेहूं, चावल और चीनी के अधिशेष उत्पादन के कारण कृषि क्षेत्र में समस्याओं का सामना कर रहा है। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि सरकार ने कृषि के ऊर्जा क्षेत्र में विविधीकरण लाने का निर्णय लिया है। आज पंजाब, हरियाणा और महाराष्ट्र में 400 परियोजनाएं हैं, जहां वे चावल के भूसे से बायो- सीएनजी बना रहे हैं। मंत्री ने कहा कि ज्यादातर मामलों में पंजाब और हरियाणा में चावल भूसी को जलाने की वजह से दिल्ली को प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है। गडकरी ने बताया कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मिशन भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है। गडकरी ने कहा कि उनका सपना भारत के वाहन उद्योग को दुनिया में नंबर एक बनाना है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top