करीब 10 साल पुरानी एयरलाइन विस्तारा अब आसमान को अलविदा कहने जा रही है
नई दिल्ली , करीब 10 साल पुरानी एयरलाइन विस्तारा अब आसमान को अलविदा कहने जा रही है। यह प्रतिष्ठित पूर्ण सेवा एयरलाइन सोमवार देर रात एक स्वतंत्र कंपनी के रूप में अपनी आखिरी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन करेगी। विस्तारा की उड़ान ‘यूके 986′ मुंबई से दिल्ली और ‘यूके 115′ दिल्ली से सिंगापुर के लिए उड़ान भरेगी। यह आखिरी बार होगा जब उड़ान कोड ‘यूके’ आसमान में दिखाई देगा और मंगलवार से विस्तारा की उड़ानों का नया कोड ‘एआई2एक्सएक्सएक्स’ होगा।
दिलचस्प बात यह है कि जब एयरलाइन ने नौ जनवरी, 2015 को परिचालन शुरू किया था, तो पहली उड़ान दिल्ली से मुंबई के लिए संचालित हुई थी। सोमवार को एक अधिकारी ने बताया कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर विस्तारा की आखिरी उड़ानें क्रमशः ‘यूके 986′ और ‘यूके 115′ होंगी। ‘यूके 986′ को मुंबई से दिल्ली के लिए लगभग 10.50 बजे रवाना होना है और ‘यूके 115′ को दिल्ली से सिंगापुर के लिए रात लगभग 11.45 बजे रवाना होना है।
विस्तारा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “इस अविस्मरणीय यात्रा का हिस्सा बनने और हमें प्यार देने के लिए आपका धन्यवाद। हम इन यादों को हमेशा संजोकर रखेंगे। अब सभी नवीनतम जानकारी के लिए एयर इंडिया को ‘फॉलो’ करें।” टाटा समूह और सिंगापुर के बीच संयुक्त उद्यम विस्तारा का एयर इंडिया के साथ विलय किया जाएगा, जिसके बाद विस्तारित इकाई में सिंगापुर एयरलाइंस की हिस्सेदारी 25.1 प्रतिशत होगी। यह विलय देश के तेजी से बढ़ते नागर विमानन क्षेत्र में 2006-2007 के बाद दूसरे बड़े एकीकरण का दौर होगा। वित्त वर्ष 2006-07 में इंडियन एयरलाइंस का एयर इंडिया में और एयर सहारा का जेट एयरवेज में विलय हुआ था। इसी दौरान एयर डेक्कन का किंगफिशर एयरलाइंस में विलय हुआ।
विस्तारा के विलय के बाद पूर्ण सेवा भारतीय एयरलाइन के रूप में केवल एयर इंडिया ही रह जाएगी। यह विलय अक्टूबर में एआईएक्स कनेक्ट के एयर इंडिया एक्सप्रेस के साथ विलय के बाद टाटा समूह का दूसरा महत्वपूर्ण एयरलाइन एकीकरण है। विस्तारा 70 विमानों के बेड़े के साथ प्रतिदिन लगभग 350 उड़ानें संचालित करती है और नवंबर, 2022 में विलय की घोषणा के बाद से दोनों पूर्ण सेवा एयरलाइन की प्रणालियों और लोगों के एकीकरण की पहल आगे बढ़ रही है।
भेलमापुर में गन्ना क्रय केन्द्र स्थापित कराये जाने की मांग
संवाददाता
बस्ती, गन्ना किसानों ने सोमवार को नान्देकुंआ निवासी डेलीगेट सत्य प्रकाश दूबे के नेतृत्व में जिलाधिकारी को पत्र देकर भेलमापुर में गन्ना क्रय केन्द्र स्थापित कराये जाने की मांग किया। किसानों ने पत्र में कहा है कि यदि भेलमापुर में गन्ना क्रय केन्द्र स्थापित नहीं हो पाता है तो ऐसी दशा में दुबौलिया क्रय केन्द्र पर गन्ना तौल कराने का आदेश समिति विक्रमजोत को दिया जाय।
डीएम को पत्र देने के बाद सत्य प्रकाश दूबे ने बताया कि वे नान्देकुआ के निवासी है। जो गन्ना समिति विक्रमजोत बस्ती में पडता है । गन्ना क्रय केन्द्र भेलमापुर के नाम से गन्ने का तौल का कार्य किया जाता है लेकिन कुछ दबंगो द्वारा इस गन्ना क्रय केन्द्र को जबरदस्ती बटपुरवा में लगवाया गया है जिससे किसानो को दुबौलिया क्रय केन्द्र से होकर जाना पडता है । इस कारण से किसानो को काफी कठिनाईयो का सामना करना पडता है। मांग किया कि भेलमापुर गन्ना क्रय केन्द्र भेलमापुर में ही स्थापित किया जाये जिससे किसानो को गन्ना लेकर आने जाने में सुविधा प्राप्त हो सकें। बताया कि इस सम्बन्ध में जिला गन्ना अधिकारी को इसकी सूचना दिया गया। इसके बाद 62 किसानों द्वारा हस्ताक्षर एंव मोबाईल नं० के साथ 28 अक्टूबर को जिला गन्ना विकास अधिकारी को पुनः दिया और इसी दिन जिलाधिकारी कार्यालय में भी दिया गया। उसके बाद रजिस्ट्री डाक द्वारा बभनान चीनी मिल को और एक रजिस्ट्री जिलाधिकारी को भेजा गया लेकिन इस संबंध में अभी तक कोई कार्यवाही नहीं गई। बताया कि उनके मोबाईल पर इस संबंध में गाली एंव धमकी भी दी गई कि क्रय केन्द्र के संबंध में कोई बात मत करियेगा। उन्होने चेतावनी दिया कि यदि गन्ना क्रय केन्द्र भेलमापुर में नही स्थापित हो पाता तो ऐसी दशा में दुबौलिया क्रय केन्द्र पर गन्ना तौल कराया जाय, अन्यथा किसान धरना प्रदर्शन को बाध्य होंगे।
डीएम को पत्र देने वालो में राम सिंह, राम बदल, मनोज कुमार, हरिशंकर, राजेन्द्र प्रसाद, सनोज कुमार, सुधाकर दूबे, आज्ञाराम चैधरी, रवि प्रकाश आदि शामिल रहे।
————————————————————————————-
बस्ती मैराथन के लिए पंजीकरण हुआ प्रारम्भ
संवाददाता
बस्ती, 17 नवम्बर को आयोजित होने वाली 13वीं बस्ती मैराथन दौड़ के लिए आज अमर शहीद सत्यवान सिंह स्टेडियम में पंजीकरण प्रक्रिया का शुभारंभ हुआ। पंजीकरण के पहले दिन मान्या कसौधन, समृद्धि मिश्रा, नंदिनी चैधरी, अभिषेक, लक्ष्मी, विकास राय, और अमृता सहित कई प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक अपना पंजीकरण कराया। पंजीकरण की यह प्रक्रिया 16 नवम्बर तक स्टेडियम में चलेगी, और इसमें किसी भी आयु वर्ग के प्रतिभागी पंजीकरण कर सकते हैं।
जिला संयोजक प्रिंस मिश्र ने कहा, ष्बस्ती मैराथन के प्रति स्थानीय जनता का उत्साह वास्तव में प्रेरणादायक है। यह आयोजन बस्ती के युवाओं को एकजुट करते हुए समाज में स्वास्थ्य और स्वच्छता का संदेश देने का कार्य करेगा।
कार्यक्रम संयोजक ओमकार चैधरी ने कहा, ष्मैराथन में हर प्रतिभागी एक संदेशवाहक है। यह आयोजन न केवल एक खेल प्रतियोगिता है बल्कि एक सामाजिक जागरूकता अभियान भी है, जिसका उद्देश्य स्वस्थ और नशामुक्त समाज का निर्माण करना है।
संस्थापक सदस्य रितिकेश सहाय ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, ष्यह मैराथन हमारे समाज में सकारात्मक बदलाव का प्रतीक है। यह केवल एक दौड़ नहीं है, बल्कि हमारे क्षेत्र को स्वस्थ और स्वच्छ रखने का एक प्रयास है। हमें इस आयोजन के माध्यम से युवाओं को नशामुक्त जीवन की ओर प्रेरित करना है। इस उद्देश्य के साथ, हम बस्ती के हर नागरिक से निवेदन करते हैं कि वे इस मैराथन में भाग लें और इसे सफल बनाएं।
इस बार बस्ती मैराथन में 4,000 से अधिक प्रतिभागियों की भागीदारी का अनुमान है, जो इसे एक ऐतिहासिक आयोजन बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। पंजीकरण प्रक्रिया के समापन के बाद मैराथन की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जाएगा ताकि आयोजन को पूरी तरह सफल बनाया जा सके।
इस अवसर पर संगठन के सदस्य हेमंत पाण्डेय, आदेश श्रीवास्तव, जितेंद्र साहनी, जयेंद्र पटेल भी उपस्थित रहे। सभी ने इस आयोजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इसे नशामुक्त बस्ती, स्वस्थ बस्ती, स्वच्छ बस्ती के उद्देश्य को समर्पित बताया।
———————————————————————————–
शिक्षण विधियों का प्रयोग कर प्रभावी शिक्षण करें शिक्षक – संजय शुक्ल
संवाददाता
बस्ती, सोमवार को जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में उच्च प्राथमिक विद्यालयों के गणित शिक्षको का नवाचारी शिक्षण विधियां एवं गणित किट प्रयोग हेतु तीन दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ हुआ। प्रशिक्षण का शुभारंभ डायट प्राचार्य संजय कुमार शुक्ल ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित करके किया। इस अवसर पर डायट प्राचार्य ने प्रशिक्षण को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारे केंद्र बिंदु में विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चे होते है, इसलिए हमें गणित विषय को उनकी रुचि से जोड़कर खेल-खेल में पढ़ाना चाहिए। उन्होंने शिक्षण विधियों का प्रयोग करते हुये प्रभावी शिक्षण कार्य करने हेतु शिक्षकों को निर्देशित किया। प्रशिक्षण प्रभारी व प्रवक्ता अलीउद्दीन ने कहा कि छोटे बच्चों को टीएलएम का प्रयोग करके गणित बहुत आसानी से पढ़ाया जा सकता है तथा परिषदीय विद्यालयों अध्ययनरत बच्चों में गणित की अवधारणाओं को विकसित करने में रिमीडियल टीचिंग का भी बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। प्रशिक्षण के सन्दर्भदाता हरेंद्र यादव, बालमुकुन्द, अनूप सिंह और अमरेन्द्र चैधरी के द्वारा गणित की नवाचारी शिक्षण विधियां, शिक्षण विधियों की आवश्यकता एवं महत्व, गणित किट का परिचय एवं कक्षा में प्रयोग, रिमीडियल गणित का परिचय एवं आवश्यकता, गणित शिक्षण में आने वाली कठिनाइयां आदि के बारे में विस्तार से बताया गया।
इस अवसर डॉ गोविंद प्रसाद, डॉ रविनाथ त्रिपाठी, इमरान, कुलदीप चैधरी, सरिता चैधरी, वर्षा पटेल, वंदना चैधरी आदि उपस्थित रहे।
———————————————————————————-
शिक्षा मित्रों के पेंन्शन, वरिष्ठता, स्कूलों में इण्डिया मार्का हैण्ड पम्प को रीबोर कराये जाने की मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन
संवाददाता
बस्ती, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक षिक्षक संघ जिलाध्यक्ष उदयशंकर शुक्ल के नेतृत्व में सोमवार को संघ पदाधिकारियों के एक प्रतिनिधि मण्डल ने अतिरिक्त उप जिलाधिकारी रश्मि यादव के माध्यम से जिलाधिकारी को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा। मांग किया कि 1 अप्रैल 2005 से पूर्व शिक्षा मित्र के रूप में कार्यरत समायोजित शिक्षकों का पुरानी पेंशन योजना से आच्छादित किये जाने हेतु विकल्प पत्र भरवाया जाय और परिषदीय विद्यालयों में सरकारी इण्डिया मार्का नल, हैण्ड पम्प को रीबोर कराया जाय।
ज्ञापन सौंपने के बाद संघ जिलाध्यक्ष उदयशंकर शुक्ल ने बताया कि शिक्षा मित्रों का विकल्प पत्र भरवाकर उनकी सूची सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को पुरानी पेेंशन से आच्छादित करने हेतु भेजा जाय और वरिष्ठता सूची में उनका नाम शिक्षा मित्र के रूप में नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता सूची में भी शासनादेश के अनुसार शामिल किया जाय। कहा कि प्रदेश के अनेक जनपदों में शासनादेश के अनुसार शिक्षा मित्रों की सूची भेज दिया गया है किन्तु बस्ती में अभी यह कार्य अटका हुआ है। डीएम को दिये ज्ञापन में परिषदीय विद्यालयों में सरकारी इण्डिया मार्का नल, हैण्ड पम्प को रीबोर कराये जाने की मांग किया गया है। अधिकांश विद्यालयों में इण्डिया मार्का नल खराब हैं, पीला पानी आता है जिससे छात्रों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। तत्काल प्रभाव से इसे सही कराये जाने का आग्रह किया गया है। पत्र में विकास खण्ड गौर के साथ ही अनेक स्कूलों की सूची में उपलब्ध करायी गई है।
ज्ञापन सौंपने वालों में मुख्य रूप से जिला मंत्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष महेश कुमार, अभय सिंह यादव, राजकुमार सिंह, रजनीश मिश्र, जर्नादन शुक्ल, नवीन चैधरी, प्रदीप चैहान के साथ ही अनेक शिक्षक और संघ पदाधिकारी शामिल रहे।
———————————————————————————-
गो आश्रय स्थलो पर पराली, पुआल दान करना पुनीत कार्य है- रवीश गुप्ता
संवाददाता
बस्ती, जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने जनपद के सभी किसान बन्धुओं से अपील किया है कि पराली, पुआल को अपने खेतो में न जलाकर अपने नजदीकी गो आश्रय स्थलों को दान में दें, जिसका उपयोग गो आश्रय स्थलो पर रखे गये गोवंशों के चारे एवं बिछावन के रूप में किया जा सकें। यह एक पुनीत कार्य है।
उन्होने बताया कि धान की फसल, पुआल को खेतों में जलाने से मृदा स्वास्थ्य प्रभावित होता है तथा धुएं के कारण वायु प्रदूषण होता है। धुएं के कारण आस-पास रहने वाले मनुष्यों का भी स्वास्थ्य प्रभावित होता है। उन्होने समस्त खण्ड विकास अधिकारी को निर्देशित किया है कि निर्देशों का शतप्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित हो।
—————————————————————————————
जिलाधिकारी ने राजकीय धान क्रय केन्द्र का औचक निरीक्षण किया
संवाददाता
बस्ती, जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने कप्तानगंज स्थित बहुद्देशीय ग्रामीण सहकारी समिति तथा राजकीय धान क्रय केन्द्र का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में उन्होने पाया कि खाद विक्रय का कार्य प्रारम्भ है। विक्रय पंजिका में अधिकतम 5 बोरी एवं क्रेताओं का विवरण दर्ज पाया गया। विक्रय पंजिका का पीओएस मशीन से मिलान करवाया गया। साथ ही आनलाईन प्रदर्शित स्टॉक का गोदाम से मिलान करवाया गया। दोनों सही पाए गए। स्थल पर उपस्थित कृषकों द्वारा केंद्र की प्रशंसा की गई।
उन्होने राजकीय धान क्रय केन्द्र के निरीक्षण में पाया कि अभी क्रय प्रारम्भ नहीं हुआ है। पंजिका में 8 कृषकों द्वारा सम्पर्क किया जाना दर्ज है। अधिकांश ने धान सूखने हेतु रखे जाने की बात बताई है। केंद्र अभी पूरी तरह से व्यवस्थित नहीं है एवं जिससे गोदाम किराये पर लिया गया है, उसका सामान भी इधर-उधर पड़ा हुआ है। इस स्थिति पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारी को निर्देश दिया कि दो दिवस में केंद्र को व्यवस्थित करें। उन्होने पाया कि क्रय केन्द्र पर उपकरण जैसे-पीओपी मशीन, पावर डस्टर, विंनोइंग मशीन, इलेक्ट्रॉनिक कांटा उपलब्ध है। निरीक्षण के दौरान विक्रय केन्द्र संचालक विजयभान पाण्डेय, क्रय केन्द्र संचालिका तथा संबंधित अधिकारी व कृषकगण उपस्थित रहें।
——————————————————————————–
उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान के लिए आवेदन आमंत्रित
संवाददाता
बस्ती, वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु शासन द्वारा उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान के लिए आवेदन आमंत्रित है। उक्त जानकारी मुख्य विकास अधिकारी ने दिया है। उन्होंने बताया है कि उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा जनपद के ऐसे ख्यातिलब्ध महानुभावों, जिन्होंने विभिन्न विधाओं एवं कार्य क्षेत्रों यथा-कला एवं संस्कृति, कृषि, उद्यमिता, कौशल विकास, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, साहित्य, शिक्षा, खेल, समाज सेवा, पर्यावरण, महिला सशक्तिकरण तथा ग्राम विकास आदि में अपने व्यक्तिगत प्रयासों से उत्कृष्टता के आयाम स्थापित करते हुए राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गौरव हासिल करने वालो को उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान से नवाजा जाएगा।
उन्होने बताया है कि जनपद के पात्र इच्छुक महानुभाव उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान प्राप्त करने के लिए निदेशक, संस्कृति निदेशालय उ.प्र. के कार्यालय में आनलाइन, आफलाइन दोनो माध्यमो से 25 नवम्बर तक आवेदन कर सकते हैं। आनलाइन आवेदन हेतु वेबसाइट ीजजचेरूध्ध्नचबनसजनतमण्नचण्दपबण्पदध्ीपहंनतंअेंउउंद पर कर सकते है। उन्होने जनपद के समस्त अधिकारियों को निर्देशित किया है कि उ0प्र0 गौरव सम्मान हेतु नामांकन अविलम्ब उनके कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
————————————————————————————–
कृषि विज्ञान केंद्र बस्ती पर पूसा बौना काला नमक उत्पादन कृषक परिचर्चा एवं प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया
संवाददाता
बस्ती, आचार्य नरेंद्र कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र बस्ती पर पूसा बौना काला नमक उत्पादन कृषक परिचर्चा एवं प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. ए. के. सिंह पूर्व निदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा नई दिल्ली रहे। इस अवसर पर डॉक्टर एके सिंह ने पूसा बौना काला नमक के बारे में बताया कि अन्य पुराने काला नमक धान की अपेक्षा बौना काला नमक में और आयरन जिंक एवं प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है एवं विपरीत मौसम में कम लंबाई होने के कारण इसकी लॉजिंग नहीं होती है। इसका चावल खुशबूदार एवं मुलायम होता है। इसका उत्पादन प्रति हेक्टेयर 40 से 45 कुंतल तक लिया जा सकता है एवं यह 140 से 145 दिन में पककर तैयार हो जाता है। अपने विशिष्ट गुना के कारण जनपद बस्ती में अन्य काला नमक की प्रजाति अपेक्षा बहुत तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। साथ में आई हुई वैज्ञानिक हरिथा बोली नेद्दी ने काला नमक के उत्पादन की विस्तृत चर्चा की।
इस अवसर पर केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष प्रोफेसर एस एन सिंह ने काला नमक को जी आई टैग एवं इसके बाजार प्रबंधन पर किसानों से चर्चा की। उन्होंने बताया काला नमक चावल बाजार में किसान भाई आसानी से रू. 90 से 100 प्रति किलो की दर से बेच रहे हैं, जिससे उनकी आमदनी में इजाफा हो रहा है। डॉ पी के मिश्रा ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि किसान भाईयो को हाइब्रिड धान को ना बोते हुए काला नमक धान का उत्पादन करना चाहिए।
केंद्र के शस्य वैज्ञानिक हरिओम मिश्रा ने काला नमक वैज्ञानिक तकनीक के बारे में विस्तृत चर्चा की। केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर वी बी सिंह काला नमक के अनुवांशिक गुणों के बारे में चर्चा करते हुए किसानों से कहा यदि किसान भाई अपनी आमदनी धान से बढ़ाते हैं, तो उनको अन्य काला नमक छोड़कर पूसा बौना काला नमक को उत्पादित करना होगा।
केंद्र के प्रसार वैज्ञानिक आर बी सिंह ने अपने संबोधन में बताया कि काला नमक की पैकेजिंग ग्रेडिंग कर किसान भाई स्वयं बिक्री करें और अधिक से अधिक आमदनी प्राप्त करें। पौध सुरक्षा वैज्ञानिक डॉ प्रेम शंकर ने काला नमक में लगने वाले कीट बीमारियों के लक्षण एवं प्रबंधन के बारे में विस्तृत चर्चा की। केंद्र की ग्रह वैज्ञानिक डॉक्टर अंजलि वर्मा ने काला नमक भंडारण तकनीक के बारे में चर्चा की। इस कार्यक्रम में जनपद के काला नमक उत्पादक 87 कृषकों ने प्रतिभाग किया।
———————————————————————————-
एक्यूप्रेशर, प्राकृतिक चिकित्सा आकस्मिक एवं जटिल रोगों में कारगर- डॉ नवीन सिंह
संवाददाता
बस्ती, 47 यूपी बटालियन एनसीसी बस्ती का 169 में सीएटीसी मंडलीय कैंप चैधरी चरण सिंह पीजी कॉलेज पांडव नगर पदमपुर में चल रहा है इस कैंप में आज नेचुरोपैथी योग एंड स्पोट्र्स डेवलपमेंट फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं इंडियन योग एसोसिएशन के आजीवन सदस्य प्रोफेसर डॉ नवीन सिंह ने एनसीसी कैडेट्स के बच्चों को प्राकृतिक चिकित्सा एवं एक्यूप्रेशर के रहस्य को बारे में बताते हुए कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा का मूल पांच सिद्धांतों पर है आकाश वायु अग्नि जल पृथ्वी यह हमारे शरीर में ही है हाथ की पांच उंगलियां इन सभी तत्वों का प्रतिनिधित्व करती है।
उन्होंने एक्यूप्रेशर के इमरजेंसी बिंदु के बारे में जानकारी दी और उसकी प्रशिक्षण भी दिया बेहोश एमिर्गी आनाए हिचकी आना सीने में दर्द अचानक चोट लगा के लगने के कारण बेहोश हो जाना एब्लीडिंग ज्यादा होना एसर में चोट लगने पर खून को कैसे रोके एबिच्छू डंक मारनाए सांप काटनाए कीटनाशक जहरीले कीड़े मकोड़े से बचने का उपाय बताए रंग चिकित्सा और बीजए मैग्नेट थेरेपी द्वारा बहुत सारे प्वाइंट्स बतलाएं।
इसमे कैंप कमांडेंट कर्नल प्रशांत कुमार ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कप्तान राजेंद्र बौद्ध एकैप्टन संदीप सिंहए लेफ्टिनेंट जितेंद्र कुमार सिंह शाहीएलेफ्टिनेंट संदीपएलेफ्टिनेंट अरविंद एसीटी ओ सूर्य प्रताप वर्माए सूबेदार मेजर बीबी तमांग सहित 500 कैडेट्स उपस्थित रहे।
——————————————————————————–
सड़क दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत
संवाददाता
बस्ती, जिले में दुबौलिया थाना क्षेत्र के रामजानकी मार्ग पर सोमवार को एक बस ने एक व्यक्ति को टक्कर मार दिया जिससे उसकी मौत हो गयी है।
सोमवार को पुलिस सूत्रों ने यहां यह जानकारी देते हुए बताया है कि दुबौलिया थाना क्षेत्र के रामजानकी मार्ग पर राजकिशोर (70) निवासी ग्राम विशुनपुर जा रहे थे तभी पीछे सवारी बस ने उन्हें टक्कर मार दिया जिससे राजकिशोर की घटना स्थल पर ही मौत हो गयी है। स्थानीय लोगों ने बस चालक को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया है पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मृतक के परिजनों की तहरीर पर बस चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और विधिक कार्यवाही जा रही है।
————————————————————————————-
गायत्री मंत्र से मिट जाता है जन्म-जन्मांतर का पापरू आचार्य अरुण शुक्ल
संवाददाता
बस्ती, विकास क्षेत्र बहादुरपुर के कनैला में स्थित सत्येश्वर नाथ धाम में गायत्री परिवार द्वारा आचार्य दिनकर जी के अगुआई में विश्व शांति हेतु 7 दिवसीय पवन प्रज्ञा पुराण संगीतमयी कथा एवं पंचकुंडीय राष्ट्र जागरण गायत्री महायज्ञ व प्रतिभा सम्मान समारोह के दूसरे दिन सोमवार को कथा को आगे बढ़ते हुए कथा व्यास कथा व्यास आचार्य अरुण शुक्ल ने कहा कि कलयुग में गायत्री ही कामधेनू है। जीवन को ऊंचा उठाने वाली विद्या का नाम गायत्री है। गायत्री ज्ञान की देवी है। जीवन में कुछ प्राप्त करने के लिए मनुष्य को गायत्री के शरण में जाना चाहिए। गायत्री जाप करने से हमारे जन्म-जन्मांतर का पाप धुल जाता है। समस्त समस्याओं का निदान गायत्री है। इसके जाप से मनुष्य के अंदर की नाकारात्मक उर्जा चली जाएगी और साकारात्मक उर्जा का समावेश होता चला जाएगा साथ ही जीवन की दशा बदल जाएगी।
कथा को आगे बढ़ते हुए कहा कि पहले हमें यह जानना चाहिए कि मनुष्य की वास्तविक संपत्ति क्या है। तब उसे ढ़ूंढने का प्रयत्घ्घ्न करें। उन्होंने कहा कि वास्तविक संपत्ति, वास्तविक संसाधन हमारा शरीर और मन है। शरीर स्वस्थ नहीं रहने से या तो हम अस्पताल में या घर के किसी कोने में दुबके रहेंगे। हम अपनी वास्तविक संपत्ति स्वयं हैं, उसे विकसित करने के लिए प्रकृति और परमात्मा के सहचर्य में रहे। जो हमने सीख उसे दूसरों तक पहुंचाये। उन्होंने कहा कि ध्यान मन का स्नान है। जैसे शरीर में मैल लगता है उसके लिए स्नान की व्यवस्था है, उसी प्रकार ध्यान मन का स्नान है। परंतु बैठा, मन, चिंतित मन, परेशान मन कैसे ध्यान करेगा। इसके लिए हमें अपने आहार- व्यवहार व जीवनशैली में सुधार लाना होगा।
इस दौरान मुख्यरूप से मंगलदेव शुक्ल, उर्मिला शुक्ल, विद्यावती सिंह, परमात्मा शर्मा, राम प्रकाश वर्मा, अविनाश कुमार, चंद्रिका सिंह, पवन कुमार सिंह, रमेश पाण्डेय, राकेश सिंह, पंकज सिंह, वृजेश सिंह, राम ललित चैधरी, निर्भय सिंह, राम अवतार के साथ ही बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे।
————————————————————————————————–
एक पेड़ मां के नाम, लगाये पौध, दिया संदेश
संवाददाता
बस्ती, नेहरू युवा केन्द्र माय भारत द्वारा सोमवार को मिश्रौलिया स्टेट के निकट ग्रीन वैली स्कूल के परिसर में जिला युवा अधिकारी अनुराग यादव के संयोजन ‘में ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की कड़ी में पौधरोपण किया गया। कहा कि सघन पौधरोपण और हरियाली के द्वारा ही हम जीवन को बचा सकेंगे। पर्यावरण प्रदूषण बड़ी चुनौती है।
आम, आंवला, अमरूद, नेबू आदि के पौध रोपने के साथ ही उनके सुरक्षा का प्रबन्ध किया गया है। ग्रीन वैली के डायरेक्टर डा. अजीत सिंह ने कहा कि जो पौध रोपे गये हैं उनकी पूरी सुरक्षा करायी जायेगी जिससे वे फले फूले। हरियाली के बिना जीवन अधूरा है। पौधरोपण के दौरान मुख्य रूप से ओम प्रकाश मिश्र, मनोरमा चैधरी, शिव कुमार मौर्य, राजेश विश्वकर्मा, काजल, रूचि श्रीवास्तव, पूजा के साथ ही प्रधानाचार्य संध्या और स्कूल के शिक्षक और छात्रों ने योगदान दिया।